वृंदावन के चर्चित भागवताचार्य अनिरुद्धाचार्य की एक टिप्पणी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कथित तौर पर महिलाओं को लेकर की गई अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में देशभर में खासा आक्रोश देखने को मिला। मथुरा में कचहरी गेट पर अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कथावाचक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की, वहीं वृंदावन के रामलीला तिराहे पर भी स्थानीय नागरिकों और समाजसेवियों ने विरोध जताया।
मथुरा बार एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ताओं ने कचहरी के गेट नंबर तीन पर जोरदार प्रदर्शन किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप शर्मा और सचिव शिव कुमार लवानियां ने कहा कि अनिरुद्धाचार्य की टिप्पणी ने समाज में महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाई है, और यह आचरण निंदनीय है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पुलिस सोमवार तक उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं करती है, तो कोर्ट में वाद दायर किया जाएगा। प्रदर्शन में महिला अधिवक्ताओं की भी सक्रिय भागीदारी रही। अधिवक्ता प्रियदर्शनी मिश्रा, पूजा शर्मा, सौम्या शुक्ला, भावना सैंगर, गुंजन यादव, अनीता राघव, सोनी वर्मा, गौरी अग्रवाल, इंदु चौरसिया और आरती भारद्वाज समेत कई वकीलों ने कथावाचक के बयान को नारी अस्मिता पर हमला बताया।
वृंदावन के रामलीला मैदान तिराहे पर भी नागरिकों और धार्मिक श्रद्धालुओं ने कथावाचक के बयान की निंदा की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि व्यास पीठ पर बैठा कोई भी व्यक्ति यदि इस तरह की भाषा का प्रयोग करता है तो यह समाज के लिए घातक है। समाजसेवी ताराचंद गोस्वामी ने कहा, “भारत में नारी को देवी का स्वरूप माना गया है, और इस प्रकार की टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं।” कई अन्य लोगों ने भी कथावाचक पर पूर्व में भी सीता माता और द्रौपदी को लेकर विवादास्पद बयान देने का आरोप लगाया। प्रदर्शन में कृष्ण गोस्वामी, अशोक गोस्वामी, मनोज चौधरी, मनीष दीक्षित, सोहेल, सुमित, जाहिद, लोकेश सहित दर्जनों स्थानीय लोग मौजूद रहे।
विवाद बढ़ने के बाद अनिरुद्धाचार्य ने बयान जारी कर कहा, “मेरी पूरी बात नहीं सुनी गई। मैंने केवल लिव-इन में रहने वाली कुछ लड़कियों के संदर्भ में एक कथा सुनाई थी। मेरी वीडियो के कुछ हिस्से काट दिए गए, जिससे संदर्भ बदल गया। अगर मेरी किसी अधूरी बात से किसी बहन-बेटी को दुख पहुंचा है तो मैं क्षमा मांगता हूं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि हो सकता है उनकी वीडियो को एआई तकनीक से एडिट कर वायरल किया गया हो।