
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री व नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद श्री अजय भट्ट ने लोकसभा सदन में तारांकित प्रश्न के रूप में भूतल परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी पूछा है कि क्या सरकार देशभर में फास्टैग प्रणाली में स्वचालन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए कोई उपाय कर रही है इसके अलावा देशभर के सभी टोल प्लाजाओं का स्वचालन कार्य कब तक पूरा होने की संभावना है, साथ ही सरकार द्वारा उत्तराखंड में राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव से संबंधित ऐसे कार्यों में तेजी लाने हेतु क्या कदम उठाए जा रहे हैं जिनमें प्राकृतिक आपदाओं के कारण विलंब हुआ है। और उक्त कार्यों के पूरा होने की संभावित समय-सीमा क्या है?
श्री भट्ट के पूछे गए तारांकिक के प्रश्न के जवाब में फास्टैग प्रणाली का स्वचालन के संबंध में श्री भूतल परिवहन मंत्री ने बताया है कि सरकार ने 15/16 फरवरी 2021 की मध्य रात्रि से राष्ट्रीय राजमार्गों पर शुल्क प्लाजा की सभी लेन को फास्टैग लेन घोषित कर दिया है।
वर्तमान में, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रहण (एनईटीसी) कार्यक्रम के तहत लगभग 98% से अधिक प्रयोक्ता शुल्क संग्रहण फास्टैग के माध्यम से होता है। सभी फास्टैग लेनदेन एक सुरक्षित परितंत्र (इकोसिस्टम) में संसाधित किए जाते हैं जिसमें टोल प्रबंधन प्रणाली सॉफ्टवेयर, अधिग्रहणकर्ता बैंक, केंद्रीय समाशोधन गृह (सीसीएच) के रूप में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) और फास्टैग जारीकर्ता बैंक शामिल होते हैं। इस लेनदेन में एक पारदर्शी प्रक्रिया शामिल है। जिसमें काटे गए प्रगोक्ता शुल्क (टोल) की सूचना राजमार्ग प्रयोक्ताओं को दी जाती है तथा उसे एक केंद्रीय संग्रह में दर्ज किया जाता है।
गलत टोल कटौती के मामले में, फास्टैग प्रयोक्ता फास्टैग जारीकर्ता बैंक, राष्ट्रीय राजमार्ग हेल्पलाइन 1033 या समर्पित ईमेल falsededuction@ihmcl.com पर शिकायत दर्ज कर सकता है। प्रत्येक मामले की बैंक/भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड
(आईएचएमसीएल) द्वारा गहनता से जाँच की जाती है और यदि मामला सही पाया जाता है, तो शुल्क वापस (चार्जबैंक) किया जाता है। संदिग्ध मामलों में, संशय का लाभ फास्टैग प्रयोक्ता को दिया जाता है। तथापि बैंकों की मानक धन राशि वापसी नीति 40 दिनों तक की अवधि की अनुमति देती है, ऐसे मामलों की समुचित रूप से जाँच की जाती है, और धन राशि वापसी अनुरोध आमतौर पर 3 दिनों के भीतर शुरू कर दिए जाते हैं।
इसके अलावा भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में फास्टैग प्रयोक्ताओं से 12.55 लाख लेनदेन के लिए चार्जबैंक किया गया, जो 2024 में किए गए कुल 410 करोड़ फास्टैग लेनदेन का लगभग 0.03% है।
गलत कटौती के मामलों में, गलत टोल संग्रहण एजेंसी पर प्रति मामले 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जाता है।
इसके अलावा, फास्टैग के साथ-साथ एक अतिरिक्त सुविधा के रूप में राष्ट्रीय राजमार्गो के चयनित खंडों पर उपलब्ध प्रौद्योगिकी के साथ निर्वाध इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रहण (ईटीसी) प्रणाली को लागू करने का भी निर्णय लिया गया है। “घरौंदा, चोर्यासी, नेमिली, यूईआर-।। और द्वारका एक्सप्रेसवे” के शुल्क प्लाजा पर निर्बाध टोलिंग प्रणाली को लागू करने के लिए प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) आमंत्रित किया गया है, इन परियोजनाओं पर कार्यान्वयन के परिणामों और प्रभावकारिता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से अन्य शुल्क प्लाजा पर इसे लागू करने की संभावना है।